5G Superfast-Hitech Technology से बदल जाएगी दुनिया

5G Superfast-Hitech Technology
5G Superfast-Hitech Technology


अब तक 2G फिर 3G, 4G तकनीक का यूज करने वाले इंटरनेट यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है कि बहुत जल्द 5G तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके आने से हमारी तकनीकी दुनिया काल्पनिक तरीके से सुपरफास्ट हो जाएगी। इसके चलते बहुत जल्द हम सबकी जिंदगी में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इन्हीं बदलावों और नई तकनीकी की विशेषताओं पर एक नजर।

5G Superfast-Hitech Technology से बदल जाएगी दुनिया

  • एक मिनट से भी कम समय में ढाई घंटे की एचडी फिल्म डाउनलोड करने के लिए तैयार हो जाइए।
  •  पलक झपकने की देरी से भी कम समय में किसी को इंटरनेट से हैवी से हैवी फाइल भेजना हो जाएगा आसान। 
  • क्रिकेट मैच देखने के लिए अब क्रिकेट ग्राउंड जाने की भला क्या जरूरत है, मोबाइल में ही क्रिकेट ग्राउंड के घास के तिनके तक का पूरा व्यू अपने मोबाइल की स्क्रीन पर देखने के लिए अब बहुत इंतजार की जरूरत नहीं रही।

जी हां, यह सब कुछ अगले 10 से 12 महीनों में ही संभव होने वाला है, क्योंकि 5जी की रफ्तार अब हमारी दहलीज तक पहुंच गई है।

 मिल गई है ट्रायल की इजाजत

लंबे इंतजार के बाद भारतीय दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को 5G सेवा के ट्रायल की इजाजत दे दी है। 4 मई 2021 को कई कंपनियों को मिली इस इजाजत के तहत अगले छह महीने तक ट्रायल चलेगा, जिसका मतलब यह है कि ये कंपनियां इस साल दिसंबर में या फिर अगले साल जनवरीफरवरी में 5G सेवाएं हिंदुस्तान में शुरू कर सकती हैं। जिन कंपनियों को अपने साथी या अनुबंधित कंपनियों के साथ ट्रायल की अनुमति मिली है, उनमें-एयरटेल, रिलायंस, जियो, वोडाफोन, आइडिया के अलावा महानगर टेलीफोन लिमिटेड भी शामिल है। इन कंपनियों ने टेलीकॉम उपकरणों के मूल निर्माता के साथ करार किया है, जिन्हें एरिक्शन, नोकिया, सैमसंग और सीडॉट 5G टेक्नोलॉजी मुहैय्या कराएंगी।

5G Superfast speed || 5G speed test
5G Superfast speed


 बढ़ जाएगी नेट की स्पीड 

5G आने के बाद एक नई तरह की वायरलेस कनेक्टिविटी का दौर शुरू होगा। इसके चलते GBPS की रफ्तार से डेटा ट्रांसफर होगा। इसका मतलब यह है कि इंफॉर्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में सेकेंड के हजारवें हिस्से के बराबर समय लगेगा यानी, इतना कम कि उसे बताना भी संभव नहीं। 5G का मतलब है, पांचवीं पीढ़ी की संचार तकनीक। अभी हम जिस संचार तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह कहीं पर 4G है, कहीं पर 3G या 2G। लेकिन 5G पांचवी पीढ़ी की ब्रॉडबैंड सेल्युलर नेटवर्क तकनीक है। जो मौजूदा 4G यानी फोर्थ जनरेशन लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन की जगह लेगी। 1G और 2G में जहां हम टूटी-फूटी और खरखराहट भरी आवाज में वायरलेस कनेक्टिविटी के तहत संवाद करने के लायक हुए थे, वहीं 2G में साफ आवाज से बात करना संभव हुआ था। यही नहीं इस दौर में एसएमएस सरीखी डेटा सर्विस भी शुरू हो गई। मतलब यह कि मोबाइल इंटरनेट की शुरुआत। 3G तकनीक जिन दिनों आई, वह बेहद क्रांतिकारी लगती थी। लेकिन आज धीमी लगती है। 3G के जरिए हमने वेबसाइटों को एक्सेस करना शुरू किया, बीच-बीच में गोल-गोल घूमते गोलों के बीच वीडियो देखना शुरू किया, म्यूजिक सुनना तो आसान ही हुआ और 4G में कभी-कभार बाधित हुए वीडियो देखने लगे। लेकिन 5G की तो बात ही अलग है। यह तकनीक अब तक के हमारे समूचे अनुभव को बदल देगी। 

कनेक्ट होंगी सभी डिवाइसेस

इस तकनीक के जरिए तमाम डिवाइसेस आपस में कनेक्ट होंगी और ये रियल टाइम डायलॉग करेंगी। मतलब यह कि आप अपने स्मार्टफोन से जो चाहे पूछ सकेंगे और वो पलक झपकते जवाब देगा। संचार की दुनिया में यह एक काल्पनिक स्मार्ट युग होगा। 1 किलोमीटर के दायरे में 10 लाख तक मशीनें आपस में कनेक्ट हो सकेंगी और किसी भी तरह की उनकी गतिविधियां न तो धीमी पड़ेंगी और न ही वे रुकेंगी। 5G तकनीक पीक डेटा रेट्स यानी आदर्श परिस्थितियों में एक सेकेंड में 20 गीगा बिट्स डेटा डाउनलोड और 50 गीगा बिट्स डेटा अपलोड कर सकेगी। इससे इंटरनेट उपभोक्ताओं को डाटा की हाई डेंसिटी मिलने लगेगी, जिससे कामकाज की रफ्तार भी तेज हो जाएगी। 

ये भी होंगे फायदे (advantage from 5G technology)


  • 5G तकनीक से मोबाइल की बैटरी भी कम खर्च होगी।
  •  5G संचार तकनीक के द्वारा सेल्फ ड्राइविंग कारों का इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा।
  •  5G नेटवर्क के द्वारा हाई डेंसिटी लाइव स्ट्रीमिंग मुमकिन हो जाएगी।
  •  इस तकनीक के बाद हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल कर सकेंगे।
  •  वर्चुअल रियालिटी जैसे डिवाइस का भी इस्तेमाल इस पांचवीं पीढ़ी की संचार तकनीक के जरिए संभव है। इस तरह देखा जाए तो 5G की तेजी से चीजों के देखने और महसूस करने के हमारे अनुभव ही नहीं बदल जाएंगे बल्कि उनके नतीजे हमारी जिंदगी को काफी बदल देंगे। 
relation between corona and 5G network
relation between corona and 5G network


क्या Corona और 5G Network के बीच  कोई रिश्ता है?

इन दिनों सोशल मीडिया पर कई ऐसी पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिनमें कहा गया है कि भारत में कोरोना की खौफनाक दूसरी लहर 5जी तकनीक के हो रहे ट्रायल का नतीजा है। यह महज एक अंधविश्वास है, जो विज्ञान के हर अहम आविष्कार के पहले हायतौबा मचाता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि इस समय 5जी तकनीक महज दुनिया के 5-6 देशों में व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल में है। अमेरिका, चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया और एक-दो यूरोपीय देशों में और जिन भी देशों में यह तकनीक है, वहां भी यह आधी-अधूरी ही है। इसी क्रम में यह भी जान लें कि इस समय करीब 17 देशों में 5जी तकनीक का ट्रायल चल रहा है और आने वाले कुछ दिनों में इनकी संख्या 35 हो जाएगी। अगर वाकई कोरोना का 5जी तकनीक से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रिश्ता होता तो वह इतने ही देशों में हाहाकार मचा रहा होता। लेकिन हम सब जानते हैं कि कोरोना दुनिया के 197 देशों में फिलहाल फैला हुआ है। यह उन अफ्रीकी देशों में भी भयानक तबाही मचा रहा है, जो 5जी तो छोड़िए अभी 4जी के नजदीक भी नहीं हैं। इससे साफ पता चलता है कि 5जी तकनीक और कोरोना का आपस में कोई रिश्ता नहीं है।

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