Billi Aur Chuhe Animated Hindi Moral Stories for Kids | बिल्ली और चूहे की कहानी

चूहों के स्कूल में पढ़ाने के लिए बिल्ली मैम हों तो बच्चे डरेंगे ही। बिल्ली मैम को देखकर बच्चे भाग ही जाएंगे। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी थे, जो डरे नहीं, लगन से पढते रहे। क्या इन बच्चों के लिए बिल्ली मैम कोई खतरा बनी?
Billi Aur Chuhe Animated Hindi Moral Stories for Kids | बिल्ली और चूहे की कहानी Hindi Fairy Tales
Billi Aur Chuhe ki kahani


चूहों के स्कूल में बिल्ली मैम 

जंगल में नया-नया स्कूल खुला था। ज सभी जानवरों के बच्चे खुश थे। बस्ता लेकर स्कूल जाते। स्कूल की ड्रेस बहुत सुंदर थी। सबसे ज्यादा खुश बंटी चूहा था। वह अपनी मम्मी से बोला, 'मम्मी, मैं भी स्कूल जाऊंगा।' 'मेरा राजा बेटा स्कूल जाएगा! यह तो बहुत अच्छी बात है।' मम्मी बोलीं। दूसरे दिन ही उन्होंने बंटी को स्कूल के लिए अच्छे से तैयार कर दिया। टिफिन में पोहे बनाकर उसके बस्ते में रख दिए। बंटी चूहा स्कूल के लिए चल दिया। तभी उसे सामने से दो चूहे आते दिखे। 

'स्कूल मत जाना बंटी, वहां बिल्ली मैम पढ़ाती हैं। वे दोनों चूहे बोले। 'बिल्ली मैम वहां क्या कर रही हैं?' बंटी ने पूछा। हमें नहीं पता पर हम नहीं जाएंगे स्कूल।' उन दोनों चूहों ने बंटी को भी अपने साथ लेना चाहा। दरअसल, वे दोनों पढ़ाई-लिखाई की बजाय मटरगश्ती करना चाहते थे, इसलिए स्कूल से भाग आए थे। उन दोनों की बात सुनकर बंटी पहले तो डरा लेकिन फिर उसने तय किया कि वह स्कूल तो जाएगा ही। यह सोचकर वह स्कूल आ गया। 'आओ बंटी आओ, तुम्हारा स्वागत है।' बिल्ली मैम ने उसका स्वागत किया। रास्ते में मिले दोनों चूहों की बात सच निकली। बिल्ली मैम को स्कूल में पाकर बंटी की हवा सन्न हो गई, लेकिन उसने अपने डर पर काबू किया। 

'मैम गुड मॉर्निंग, मैं यहां पढ़ने आया हूं। क्या आप मुझे खा तो नहीं जाएंगी?' बंटी ने बिना डरे पूछा। 'शाबाश, तुम्हें मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है। क्लास में चलो, बस्ती के सारे चूहे वहां हैं।' बिल्ली मैम बोलीं। 'अच्छा तो आप यहां की टीचर हैं। फिर मुझे आप से नहीं डरना चाहिए।' यह कहते हुए बंटी अपनी क्लास की ओर बढ़ गया। यहां सचमुच बहुत से चूहे थे। जिन्हें पढ़ना था, वे वहां बैठे थे, जिन्हें नहीं पढ़ना था, वे भाग गए थे। बिल्ली मैम पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने इतना अच्छे से पढ़ाया कि सारे चूहे बहुत खुश हो गए। बाद में वे उन्हीं से पढ़ने की जिद करते। उधर दोनों चूहे जो बिल्ली मैम के डर से भाग गए थे, वह भी कुछ दिनों बाद इधर-उधर भटक कर वापस लौट आए। 

वे दूसरे चूहो की तरह लगन से पढ़ाई करने लगे। बच्चों को इस तरह लगन से पढ़ाई करते देखकर एक दिन बिल्ली मैम खुश होकर क्लास में बोली, 'अगर तुम सब एक बिल्ली से डरने की बजाय निडर होकर पढ़ सकते हो तो तुम जीवन में सचमुच बहुत कुछ कर सकते हो।' इस बात पर बच्चों ने भी सिर हिलाकर अपनी सहमति प्रकट की।


यदि! आपको हमारा यह blog अच्छा लगा। तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comments box.

To be published, comments must be reviewed by the administrator *

أحدث أقدم
Post ADS 1
Post ADS 1