सलोनी परी जब पृथ्वीलोक घूमने आई तो उसने यहां के बच्चों को बड़ी अजीब हालत में देखा। वह बहुत दुखी हुई। परीलोक वापस आकर जब सलोनी ने रानी परी से पृथ्वीलोक के बच्चों की स्थिति को सुधारने के लिए कहा तो वह बोली, पृथ्वीलोक पर एक भयानक बीमारी फैली है। लोगों ने अगर समझदारी से काम लिया तो बहुत जल्दी यह बीमारी खत्म हो जाएगी।
अच्छी आदतें (good habits story) |
अच्छी आदतें (Good habits)
सलोनी परी जब भी परीलोक से नीचे की तरफ झांकती है, उसे पृथ्वीलोक का नीलापन बहुत भाता है। एक दिन उसने मां से कहा, 'मैं पृथ्वीलोक पर भ्रमण के लिए जाना चाहती हूं।' यह सुनते ही मां चौंकी और बोलीं, 'बिल्कुल नहीं, इन दिनों पृथ्वीलोक पर एक विचित्र-सी बीमारी फैली हुई है। किसी का भी वहां जाना सुरक्षित नहीं।'
मां ने जब सलोनी को साफ मना कर दिया तो सलोनी उदास हो गई। वह रानी परी के पास गई। रानी परी नन्ही परियों से बहुत प्यार करती थीं। सलोनी ने उन्हें बताया, 'रानी मां, मेरी मां मुझे पृथ्वीलोक नहीं जाने दे रही हैं। वह कहती हैं, वहां कोई विचित्र-सी बीमारी फैली हुई है।' 'सलोनी, तुम्हारी मां सही कहती हैं। हम नहीं चाहते कि पृथ्वीलोक का संक्रमण यहां भी फैल जाए। कुछ समय बाद जब वहां के हालात ठीक हो जाएंगे, तब मैं स्वयं वहां तुम्हें लेकर जाऊंगी।'
सलोनी पर तो जिद चढ़ी हुई थी, उसने किसी की नहीं सुनी। वह सबकी नजर बचाकर पृथ्वीलोक की तरफ उड़ गई। वहां पहुंचकर उसने अपने पंख समेटे और साधारण मानव की तरह शहर में घूमने लगी। उसने यहां सभी बच्चों को अपने मुंह पर कोई पट्टी सी चीज बांधकर घूमते देखा तो आश्चर्य में पड़ गई। 'हे भगवान! बच्चों के चेहरे कितने प्यारे होते हैं। ये बच्चे अपने मुंह छिपाकर क्यों घूम रहे हैं? बेचारे बच्चे! मुंह पर पट्टी बंधी होने के कारण ये खाना कैसे खाते होंगे? और पानी भी कैसे पीते होंगे?'
सलोनी बच्चों (kids) के बारे में यह सोचकर दुखी हो गई। तभी उसने कुछ बच्चों को डिबिया जैसे किसी खिलौने से खेलते देखा। हरेक बच्चे के पास उसका अपना खिलौना था, वह आंखें गड़ाए उसे घूर रहा था। सलोनी एक बच्चे के पास गई। ये क्या है? इससे कैसे खेलते हैं?' सलोनी ने पछा तो वह बच्चा उसे आश्चर्य से देखने लगा।
'कभी मोबाइल नहीं देखा क्या?' बच्चे ने उसका मजाक उड़ाया। सलोनी उदास हो गई। वह एक पार्क में जाकर बैठ गई। उसने देखा कि पार्क बिल्कुल सूना है। कितनी ही देर वह बैठी रही लेकिन कोई भी बच्चा वहां खेलने नहीं आया। सलोनी को जब घर की याद आने लगी तो वह परीलोक की तरफ उड़ चली।
उधर परीलोक में सलोनी के गायब होने की खबर हर तरफ फैल चुकी थी। सभी परियां उसे तलाश रही थीं। जैसे ही सलोनी वहां पहुंची, मां ने उसे दौड़कर गले से लगा लिया। रानी परी उसके बिना बताए घर से जाने की बात पर नाराज हुईं, लेकिन वह बच्चों से अधिक देर तक नाराज नहीं रह सकतीं, इसलिए उन्होंने सलोनी को भविष्य में इस तरह की हरकत न करने के लिए समझाया। 'रानी परी, पृथ्वीलोक पर कुछ गड़बड़ है। आप प्लीज कुछ कीजिए ना। वहां कोई बच्चा बाहर पार्क में नहीं खेलता। सब एक अजीब से छोटे से खिलौने से खेलते हैं। वो भी अकेले।' सलोनी ने रानी परी को पृथ्वीलोक की समस्या बताकर उसे दूर करने का आग्रह किया। 'तुम ठीक समझीं सलोनी। वहां एक भयानक विषाणु का हमला हुआ है। इससे बचने के लिये सभी लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि अब मनुष्य को इस बीमारी का इलाज समझ में आ गया है। यदि सबने समझदारी दिखाई तो बहुत जल्दी वहां सब कुछ ठीक हो जाएगा।' रानी परी ने उसे आशा बंधाई।
'क्या बच्चे अपने मुंह से वो पट्टी हटाकर सबके साथ खाना खा सकेंगे?' सलोनी ने पूछा। 'हां बिल्कुल। लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां और नियमित साफ-सफाई जैसी अच्छी आदतें अब उन्हें हमेशा अपनानी पड़ेंगी।' रानी मां बोलीं। वह यह भी बोलीं, 'अच्छी आदतें तो सभी को अपनानी चाहिए, है ना बच्चों?' रानी परी ने जब हंसते हुए पूछा तो सब परियों ने सहमति में अपना सिर हिलाया और सलोनी फिर से परीलोक की परिधि के पास खड़ी होकर पृथ्वीलोक को निहारने लगी।
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